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नीबू पानी
Sunday, April 10, 2016
Tuesday, June 16, 2009
सुरैया और देवानंद और .......
सुरैया के बारे में मैं भी उतना ही जानता था जितना और सभी लोग , लोगों का मतलब रेडियो सुनने वाले हैं। सुरैया की आवाज़ को और शायद ही कोई अन्य माध्यम से देखने सुनने वाला जानता हो । संगीत कभी ख़त्म नही होता। सच है। मुझे कल पता लगा की सुरैया कुछ साल पहले ही मर चुकी है ।
उनकी जीवन यात्रा संक्षिप्त में इस तरह है :
इकलौती थीं , बेटी थीं ,दुलारी भी रही होंगी । फिल्मो में काम किया, सोचिये उस समय कितना कठिन काम रहा होगा। बला की ख़ूबसूरत थीं । एक साथ में काम करने वाले हीरो से प्यार कर बैठीं । वो हीरो देवानंद थे। काफी अरसे तक मोहब्बत ने इंतजार किया । पर इकलौती बिटिया ने एक आखरी दिवार नही लांघी। मोहब्बत का दामन सुरैया ने नही छोड़ा । उन्होंने कभी शादी नही की। २००४ में वो नही रहीं । कैसा कठिन फ़ैसला रहा होगा यूँ अकेले रहना। आप सोचिये हजारों शामे, सुबहें और रातें ।
मैंने उस पल के बारे में सोचा जब उन्होंने दो दो वफायें निभायीं माँ ,बाप से और देव साहब से ,
देव साहब तो कुवांरे न रहे और माँ बाप ने भी जन्नत का रास्ता चुना............. दोखज़ से डरते थे ,पर बिटिया के दर्द से नही ,
सुरैया जी आपसे कभी मिलूंगा तो मैं आपसे पूछूंगा की की ये मोहब्बत थी किसकी ? सिर्फ़ आपकी?
ये मोहब्बत थी ?
ये तो खामोशी थी
एक कमज़ोर की
एक औरत की।
उनकी जीवन यात्रा संक्षिप्त में इस तरह है :
इकलौती थीं , बेटी थीं ,दुलारी भी रही होंगी । फिल्मो में काम किया, सोचिये उस समय कितना कठिन काम रहा होगा। बला की ख़ूबसूरत थीं । एक साथ में काम करने वाले हीरो से प्यार कर बैठीं । वो हीरो देवानंद थे। काफी अरसे तक मोहब्बत ने इंतजार किया । पर इकलौती बिटिया ने एक आखरी दिवार नही लांघी। मोहब्बत का दामन सुरैया ने नही छोड़ा । उन्होंने कभी शादी नही की। २००४ में वो नही रहीं । कैसा कठिन फ़ैसला रहा होगा यूँ अकेले रहना। आप सोचिये हजारों शामे, सुबहें और रातें ।
मैंने उस पल के बारे में सोचा जब उन्होंने दो दो वफायें निभायीं माँ ,बाप से और देव साहब से ,
देव साहब तो कुवांरे न रहे और माँ बाप ने भी जन्नत का रास्ता चुना............. दोखज़ से डरते थे ,पर बिटिया के दर्द से नही ,
सुरैया जी आपसे कभी मिलूंगा तो मैं आपसे पूछूंगा की की ये मोहब्बत थी किसकी ? सिर्फ़ आपकी?
ये मोहब्बत थी ?
ये तो खामोशी थी
एक कमज़ोर की
एक औरत की।
Sunday, May 3, 2009
एक खुशी का मौका ऐसा भी
वादा था
एक
पार्टी का,
बस छोटी सी ।
वो दिन
एक दिन आ ही गया
सोचा हंगामा होगा
झूम झूम के झूमेंगे ।
ठीक छ बजे समय दिया ,
उसने हमें
हम झूमे
हँसे भी
अपने खर्चे पर
उस शाम रात के दस बजे तक ,
उसके बिना ।
एक
पार्टी का,
बस छोटी सी ।
वो दिन
एक दिन आ ही गया
सोचा हंगामा होगा
झूम झूम के झूमेंगे ।
ठीक छ बजे समय दिया ,
उसने हमें
हम झूमे
हँसे भी
अपने खर्चे पर
उस शाम रात के दस बजे तक ,
उसके बिना ।
Thursday, February 12, 2009
पासवर्ड के सितम
आप क्या पसंद करेंगे ?
१ खुश होना
२ संतुष्ट होना
३ ऐसे ही रहना
४ ऊपर में कोई नही
हुआ यूँ की मैंने अपने सभी ईमेल अकाउंट के पासवर्ड बदल दिए , एक साथ । नतीजा तुंरत ही निकल आया । तीन घंटे बाद जब मैंने लोग इन की कोशिश की तो पता लगा कि मैं बहुत ही चतुराई से बनाये गए पासवर्ड भूल गया हूँ। मेरे दिल पर क्या बीती ये तो अलग ही बात है।भाईसाहब दिमाग लगा लगा के भी वो चतुराई से बनाये पासवर्ड न याद आए। एक दोस्त को फोन किया , बड़े ही इत्मिनान से बात सुनी और फ़िर बात ख़त्म होते ही उसने हँसी का अपना व्यक्तिगत सूखा ख़त्म कर डाला । बड़ी ही खीज हुई । ये अकाउंट ज़रूरी था ।
गूगल हेल्प ने भी इतने डिटेल मांगे कि जो आते थे वो भी हम सरलता से भूल गए। दो तीन बार कोशिश कि हेल्प फॉर्म भरने कि पर फ़िर छोड़ दिया। । फ़िर आचानक प्रकाश फ़ैल गया , दिव्या ज्योति नभ में जगमगाने लगी । मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ -कि क्यों मैं एक ईमेल के पीछे इतना चिंतित हो रहा हूँ । मुझे मेरा उत्तर मिल चुका था। मैं संतुष्ट था।
दो तीन दिन बाद -----
आराम से बैठा था देखा कि दीवाल पर किसी ने कुछ गोंजा गांजी कर रखी है । ध्यान से गौर फ़रमाया तो पता लगा कि कुछ लिखा है । गन्दा लग रहा था क्योंकि पेंसिल से लिखा था इसलिए मैंने एक कपड़ा लिया और तुंरत ही लेटे लेटे ही पैर से साफ़ कर डाला ।
दो मिनट बाद ---------
ग्लानि की बिजलियाँ और भी जोरों से कड़क रही है । अफ़सोस की बारिश में संतुष्टि बह चुकी थी ।मैं अपना पासवर्ड कपडे से मिटा चुका था।
अब लगता था कि अन्दर एक बोझ सा है
या था।
कुछ दिन रहा । आज अभी अनायास ही जाने कहा से पासवर्ड याद आ गया । लगा हज़ार की नोट मिल गई हो ।
भावना- इसे सिर्फ़ , खुशी में आप नही समझ सकते..... ये तो पंचमेल है। खिचडी ।
मेरा सही जवाब -
५ ऊपर के चारों
१ खुश होना
२ संतुष्ट होना
३ ऐसे ही रहना
४ ऊपर में कोई नही
हुआ यूँ की मैंने अपने सभी ईमेल अकाउंट के पासवर्ड बदल दिए , एक साथ । नतीजा तुंरत ही निकल आया । तीन घंटे बाद जब मैंने लोग इन की कोशिश की तो पता लगा कि मैं बहुत ही चतुराई से बनाये गए पासवर्ड भूल गया हूँ। मेरे दिल पर क्या बीती ये तो अलग ही बात है।भाईसाहब दिमाग लगा लगा के भी वो चतुराई से बनाये पासवर्ड न याद आए। एक दोस्त को फोन किया , बड़े ही इत्मिनान से बात सुनी और फ़िर बात ख़त्म होते ही उसने हँसी का अपना व्यक्तिगत सूखा ख़त्म कर डाला । बड़ी ही खीज हुई । ये अकाउंट ज़रूरी था ।
गूगल हेल्प ने भी इतने डिटेल मांगे कि जो आते थे वो भी हम सरलता से भूल गए। दो तीन बार कोशिश कि हेल्प फॉर्म भरने कि पर फ़िर छोड़ दिया। । फ़िर आचानक प्रकाश फ़ैल गया , दिव्या ज्योति नभ में जगमगाने लगी । मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ -कि क्यों मैं एक ईमेल के पीछे इतना चिंतित हो रहा हूँ । मुझे मेरा उत्तर मिल चुका था। मैं संतुष्ट था।
दो तीन दिन बाद -----
आराम से बैठा था देखा कि दीवाल पर किसी ने कुछ गोंजा गांजी कर रखी है । ध्यान से गौर फ़रमाया तो पता लगा कि कुछ लिखा है । गन्दा लग रहा था क्योंकि पेंसिल से लिखा था इसलिए मैंने एक कपड़ा लिया और तुंरत ही लेटे लेटे ही पैर से साफ़ कर डाला ।
दो मिनट बाद ---------
ग्लानि की बिजलियाँ और भी जोरों से कड़क रही है । अफ़सोस की बारिश में संतुष्टि बह चुकी थी ।मैं अपना पासवर्ड कपडे से मिटा चुका था।
अब लगता था कि अन्दर एक बोझ सा है
या था।
कुछ दिन रहा । आज अभी अनायास ही जाने कहा से पासवर्ड याद आ गया । लगा हज़ार की नोट मिल गई हो ।
भावना- इसे सिर्फ़ , खुशी में आप नही समझ सकते..... ये तो पंचमेल है। खिचडी ।
मेरा सही जवाब -
५ ऊपर के चारों
Friday, December 19, 2008
शराबी की माँग
आजकल हर कोई दहेज अपने तरीके से माँगते हैं. आइए देखिए एक शराबी की क्या माँगे हैं! मैं बहुत पहले कहीं ये पढ़ी थी तो सोची आज इसे ही यहाँ डालती हूँ. आपलोग भी पढ़ें.
Sharabi says, wanted a girl.
Girl's father should preferably have a drinks factory. I am an occasional alcoholic who drinks only when friends come round. Friends come round only seven times a week. Girl preferred who can carry me from bar to ghar-bar. Meet personally in a bar or send drinks for trial. Sample should be ample.
Sharabi says, wanted a girl.
Girl's father should preferably have a drinks factory. I am an occasional alcoholic who drinks only when friends come round. Friends come round only seven times a week. Girl preferred who can carry me from bar to ghar-bar. Meet personally in a bar or send drinks for trial. Sample should be ample.
Monday, December 8, 2008
गुस्से में कुत्ते
पिछले दिनों एक अज्ञात स्थान पर कुत्तों की अखिल भारतीय सभा की आपात बैठक हुई। इस आपात बैठक का कारण हाल के दिनों में कुत्तो को बेवजह विवादों में घसीटा जाना था। इस बैठक में अखिल भारतीय स्निफर कुत्ता संघ, अखिल भारतीय पालतू कुत्ता संघ और अखिल भारतीय आजाद कुत्ता संघ(सड़कों पर रहने वाले कुत्तों का संघ) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत में तमाम आतंकी और सैनिक कार्यवाहियों में शहीद तथा पिछले एक साल के अन्दर सड़कों पर मारे गए कुत्तों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यवाही का सञ्चालन कर रहे मुंबई के एक आजाद प्रतिनिधि ने एक मुख्यमंत्री द्बारा कुत्ता विरादरी को राजनीति में घसीटने की भर्त्सना की।
उक्त मुख्यमंत्री के एक शहीद के घर दौरे से पहले उस शहीद के घर की तलाशी के लिए भेजे गए कुत्तों के प्रतिनिधि ने बताया कि यद्यपि वे लोग शहीद के घर की छानबीन उचित नही समझते परन्तु एक शहीद के घर की गंध ने उन्हें कर्तव्य पालन और बहादुरी की नई ऊँचाइयों को समझने का मौका दिया। उसने बताया कि उसके साथ गए सभी कुत्ते शहीद के घर पहुँच कर कृतार्थ हो गए। उसने बताया कि कितना अच्छा होता कि सभी प्राणियों को ऐसी महान आत्माओं के घर जाने का मौका मिल पाता ।
उसके तथा उसके साथियों के भाग्य पर ईर्ष्या जताते हुए पालतू कुत्ता संघ के प्रतिनिधि ने कहा कि नेता कहाँ जा सकते हैं कहाँ नही ये उनके अपने कर्म बताते हैं पर कुत्ते अभी इतने गिरे नही हैं कि उनकी सोच ये नेता तय करें।
सम्मलेन के अंत में कुत्तों ने प्रस्ताव पारित करके उक्त मुख्यमंत्री के घर का बहिष्कार करने का फैसला किया और कहा कि अब उस मुख्यमंत्री घर के रास्ते में हम नही झांकेंगे
वहां की पुलिस के लिए काम करें वाले कुत्तों को इस बहिष्कार से कर्तव्य पालन के लिए छूट दी गई है परन्तु उन्हें कहा गया है कि वहाँ वो सिर्फ़ कर्तव्य पालन करेंगे और उस मुख्यमंत्री के आसपास रहने पर पुँछ नही हिलाएंगे ।
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बैठक की शुरुआत में तमाम आतंकी और सैनिक कार्यवाहियों में शहीद तथा पिछले एक साल के अन्दर सड़कों पर मारे गए कुत्तों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यवाही का सञ्चालन कर रहे मुंबई के एक आजाद प्रतिनिधि ने एक मुख्यमंत्री द्बारा कुत्ता विरादरी को राजनीति में घसीटने की भर्त्सना की।
उक्त मुख्यमंत्री के एक शहीद के घर दौरे से पहले उस शहीद के घर की तलाशी के लिए भेजे गए कुत्तों के प्रतिनिधि ने बताया कि यद्यपि वे लोग शहीद के घर की छानबीन उचित नही समझते परन्तु एक शहीद के घर की गंध ने उन्हें कर्तव्य पालन और बहादुरी की नई ऊँचाइयों को समझने का मौका दिया। उसने बताया कि उसके साथ गए सभी कुत्ते शहीद के घर पहुँच कर कृतार्थ हो गए। उसने बताया कि कितना अच्छा होता कि सभी प्राणियों को ऐसी महान आत्माओं के घर जाने का मौका मिल पाता ।
उसके तथा उसके साथियों के भाग्य पर ईर्ष्या जताते हुए पालतू कुत्ता संघ के प्रतिनिधि ने कहा कि नेता कहाँ जा सकते हैं कहाँ नही ये उनके अपने कर्म बताते हैं पर कुत्ते अभी इतने गिरे नही हैं कि उनकी सोच ये नेता तय करें।
सम्मलेन के अंत में कुत्तों ने प्रस्ताव पारित करके उक्त मुख्यमंत्री के घर का बहिष्कार करने का फैसला किया और कहा कि अब उस मुख्यमंत्री घर के रास्ते में हम नही झांकेंगे
वहां की पुलिस के लिए काम करें वाले कुत्तों को इस बहिष्कार से कर्तव्य पालन के लिए छूट दी गई है परन्तु उन्हें कहा गया है कि वहाँ वो सिर्फ़ कर्तव्य पालन करेंगे और उस मुख्यमंत्री के आसपास रहने पर पुँछ नही हिलाएंगे ।
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Thursday, November 20, 2008
मेरा नारको टेस्ट करा दो कोई
जब से नारको टेस्ट का का नाम बढ़ा है तब से मै भी परेशान हूँ एक अदद नारको टेस्ट के लिए।
इधर हर मामले में नारको टेस्ट की मांग बढ़ने लगी है ऊपर से तुर्रा ये कि इस टेस्ट को अदालत में सबूत के तौर परलिया ही नही जाता। अब ऐसे खूबसूरत टेस्ट को करवाना कौन नही चाहेगा सच भी माना और उससे कुछ बिगडे भीनही।
अब लोग बाग़ कहेंगे कि भला तुम हो किस खेत की मूली कि तुम्हारा नारको टेस्ट हो? तो भइया इस देश मेंलोकतंत्र है और हर चीज पर हर किसी का समान अधिकार है । ये कोई बात तो नही हुई कि नारको टेस्ट की सुविधासिर्फ़ कुछ ही लोगो तक ही सीमित रहे । हर आम-ओ ख़ास को मौका मिलना जरूरी है।
मेरे साथ सबसे बड़ी परेशानी ये है कि अभी तक मुझे अपने बारे में कुछ ख़ास पता नही चल पाया है। कई बार झूठऐसे ऐसे बोल डाले हैं कि मुझे ख़ुद पता नही है कि सच क्या था। इसके साथ ही कई बातें ऐसी हैं जो शायद सच होमेरे बारे में पर मुझे शक होता है कि झूठ तो नही है ?
एक बार नारको टेस्ट हो जाय तो सच झूठ का पता चल जायेगा और मै नारको टेस्ट की रिपोर्ट साथ रखूँगा । जब भीमुश्किल पड़ेगी निकलकर देख लूँगा।
मेरा नारको टेस्ट हो जाय तो फ़िर याद रखने की परेशानी से छुट्टी मिल जायेगी सब कुछ लिखा हुआ रहेगा।
मेरा नारको टेस्ट हो जाय तो फ़िर मै अपने आस पास के लोगो का भी नारको टेस्ट करवाऊंगा ।
मुझे शक है किजो दूकानदार सिर्फ़ १ रुपये फायदा बता कर मुझे रोज सामान बेचते हैं वो कुछ ज्यादा फायदा उठातेहोंगे । नारको टेस्ट से ये सच भी बहार आ जाएगा ।
कई दोस्त ऐसे हैं जिन्होंने मुझसे उधार ले रखा है नारको टेस्ट में उनको भी देखना है और देखना तो उनको भी है जोमौका पड़ने पर उधार नही देते।
नारको टेस्ट के फायदे बहुत हैं एक बार मेरा हो जाय तो फ़िर मै औरों को भी देख लूंगा ।
कोई सुन रहा है?
इधर हर मामले में नारको टेस्ट की मांग बढ़ने लगी है ऊपर से तुर्रा ये कि इस टेस्ट को अदालत में सबूत के तौर परलिया ही नही जाता। अब ऐसे खूबसूरत टेस्ट को करवाना कौन नही चाहेगा सच भी माना और उससे कुछ बिगडे भीनही।
अब लोग बाग़ कहेंगे कि भला तुम हो किस खेत की मूली कि तुम्हारा नारको टेस्ट हो? तो भइया इस देश मेंलोकतंत्र है और हर चीज पर हर किसी का समान अधिकार है । ये कोई बात तो नही हुई कि नारको टेस्ट की सुविधासिर्फ़ कुछ ही लोगो तक ही सीमित रहे । हर आम-ओ ख़ास को मौका मिलना जरूरी है।
मेरे साथ सबसे बड़ी परेशानी ये है कि अभी तक मुझे अपने बारे में कुछ ख़ास पता नही चल पाया है। कई बार झूठऐसे ऐसे बोल डाले हैं कि मुझे ख़ुद पता नही है कि सच क्या था। इसके साथ ही कई बातें ऐसी हैं जो शायद सच होमेरे बारे में पर मुझे शक होता है कि झूठ तो नही है ?
एक बार नारको टेस्ट हो जाय तो सच झूठ का पता चल जायेगा और मै नारको टेस्ट की रिपोर्ट साथ रखूँगा । जब भीमुश्किल पड़ेगी निकलकर देख लूँगा।
मेरा नारको टेस्ट हो जाय तो फ़िर याद रखने की परेशानी से छुट्टी मिल जायेगी सब कुछ लिखा हुआ रहेगा।
मेरा नारको टेस्ट हो जाय तो फ़िर मै अपने आस पास के लोगो का भी नारको टेस्ट करवाऊंगा ।
मुझे शक है किजो दूकानदार सिर्फ़ १ रुपये फायदा बता कर मुझे रोज सामान बेचते हैं वो कुछ ज्यादा फायदा उठातेहोंगे । नारको टेस्ट से ये सच भी बहार आ जाएगा ।
कई दोस्त ऐसे हैं जिन्होंने मुझसे उधार ले रखा है नारको टेस्ट में उनको भी देखना है और देखना तो उनको भी है जोमौका पड़ने पर उधार नही देते।
नारको टेस्ट के फायदे बहुत हैं एक बार मेरा हो जाय तो फ़िर मै औरों को भी देख लूंगा ।
कोई सुन रहा है?
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