पिछले दिनों एक अज्ञात स्थान पर कुत्तों की अखिल भारतीय सभा की आपात बैठक हुई। इस आपात बैठक का कारण हाल के दिनों में कुत्तो को बेवजह विवादों में घसीटा जाना था। इस बैठक में अखिल भारतीय स्निफर कुत्ता संघ, अखिल भारतीय पालतू कुत्ता संघ और अखिल भारतीय आजाद कुत्ता संघ(सड़कों पर रहने वाले कुत्तों का संघ) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक की शुरुआत में तमाम आतंकी और सैनिक कार्यवाहियों में शहीद तथा पिछले एक साल के अन्दर सड़कों पर मारे गए कुत्तों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यवाही का सञ्चालन कर रहे मुंबई के एक आजाद प्रतिनिधि ने एक मुख्यमंत्री द्बारा कुत्ता विरादरी को राजनीति में घसीटने की भर्त्सना की।
उक्त मुख्यमंत्री के एक शहीद के घर दौरे से पहले उस शहीद के घर की तलाशी के लिए भेजे गए कुत्तों के प्रतिनिधि ने बताया कि यद्यपि वे लोग शहीद के घर की छानबीन उचित नही समझते परन्तु एक शहीद के घर की गंध ने उन्हें कर्तव्य पालन और बहादुरी की नई ऊँचाइयों को समझने का मौका दिया। उसने बताया कि उसके साथ गए सभी कुत्ते शहीद के घर पहुँच कर कृतार्थ हो गए। उसने बताया कि कितना अच्छा होता कि सभी प्राणियों को ऐसी महान आत्माओं के घर जाने का मौका मिल पाता ।
उसके तथा उसके साथियों के भाग्य पर ईर्ष्या जताते हुए पालतू कुत्ता संघ के प्रतिनिधि ने कहा कि नेता कहाँ जा सकते हैं कहाँ नही ये उनके अपने कर्म बताते हैं पर कुत्ते अभी इतने गिरे नही हैं कि उनकी सोच ये नेता तय करें।
सम्मलेन के अंत में कुत्तों ने प्रस्ताव पारित करके उक्त मुख्यमंत्री के घर का बहिष्कार करने का फैसला किया और कहा कि अब उस मुख्यमंत्री घर के रास्ते में हम नही झांकेंगे
वहां की पुलिस के लिए काम करें वाले कुत्तों को इस बहिष्कार से कर्तव्य पालन के लिए छूट दी गई है परन्तु उन्हें कहा गया है कि वहाँ वो सिर्फ़ कर्तव्य पालन करेंगे और उस मुख्यमंत्री के आसपास रहने पर पुँछ नही हिलाएंगे ।
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11 comments:
हा हा हा ये तो होना ही था,
रौशन भाई. कभी
अभिनेता
खून पीते हुए नज़र आते हैं तो कभी
नेता
नीचा दिखाते हैं.
सही फ़ैसला है.......
हा हा हा...
बहुत दिनों से मुंबई कांड पर मसाले दार खाते खाते पेट का हाजमा ख़राब हो गया था...आज निम्बू पानी पीकर ठीक हो गया....
साधुवाद ||
yahi hona chaiye tha...
हा हा हा..जय कुत्ता संघ..
हमारी मत उनके साथ है..
जितने भी सदस्य एकत्रित हुए थे सब सभ्य, शिक्षित, अहिंसावादी तथा संस्कारयुक्त थे। तभी सिर्फ मंत्री महोदय का बहिष्कार प्रस्ताव पारित हुआ।
यदि गर्म दल के होते तो निश्चित रूप से टांग उठाऊ स्नान करवाने का प्रस्ताव पास होना था।
इंसान का सबसे बड़ा दोस्त - और उसको इस तरह बार-बार कुत्ते की मौत मारा जाना - बहुत नाइंसाफी है!
देर हो गई। बात बहुत घिस गई।
अच्छी व्यंग्य रचना
waah waah
First of All Wish U Very Happy New Year....
Wah kya bat hai...ha ha ha
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