आप क्या पसंद करेंगे ?
१ खुश होना
२ संतुष्ट होना
३ ऐसे ही रहना
४ ऊपर में कोई नही
हुआ यूँ की मैंने अपने सभी ईमेल अकाउंट के पासवर्ड बदल दिए , एक साथ । नतीजा तुंरत ही निकल आया । तीन घंटे बाद जब मैंने लोग इन की कोशिश की तो पता लगा कि मैं बहुत ही चतुराई से बनाये गए पासवर्ड भूल गया हूँ। मेरे दिल पर क्या बीती ये तो अलग ही बात है।भाईसाहब दिमाग लगा लगा के भी वो चतुराई से बनाये पासवर्ड न याद आए। एक दोस्त को फोन किया , बड़े ही इत्मिनान से बात सुनी और फ़िर बात ख़त्म होते ही उसने हँसी का अपना व्यक्तिगत सूखा ख़त्म कर डाला । बड़ी ही खीज हुई । ये अकाउंट ज़रूरी था ।
गूगल हेल्प ने भी इतने डिटेल मांगे कि जो आते थे वो भी हम सरलता से भूल गए। दो तीन बार कोशिश कि हेल्प फॉर्म भरने कि पर फ़िर छोड़ दिया। । फ़िर आचानक प्रकाश फ़ैल गया , दिव्या ज्योति नभ में जगमगाने लगी । मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ -कि क्यों मैं एक ईमेल के पीछे इतना चिंतित हो रहा हूँ । मुझे मेरा उत्तर मिल चुका था। मैं संतुष्ट था।
दो तीन दिन बाद -----
आराम से बैठा था देखा कि दीवाल पर किसी ने कुछ गोंजा गांजी कर रखी है । ध्यान से गौर फ़रमाया तो पता लगा कि कुछ लिखा है । गन्दा लग रहा था क्योंकि पेंसिल से लिखा था इसलिए मैंने एक कपड़ा लिया और तुंरत ही लेटे लेटे ही पैर से साफ़ कर डाला ।
दो मिनट बाद ---------
ग्लानि की बिजलियाँ और भी जोरों से कड़क रही है । अफ़सोस की बारिश में संतुष्टि बह चुकी थी ।मैं अपना पासवर्ड कपडे से मिटा चुका था।
अब लगता था कि अन्दर एक बोझ सा है
या था।
कुछ दिन रहा । आज अभी अनायास ही जाने कहा से पासवर्ड याद आ गया । लगा हज़ार की नोट मिल गई हो ।
भावना- इसे सिर्फ़ , खुशी में आप नही समझ सकते..... ये तो पंचमेल है। खिचडी ।
मेरा सही जवाब -
५ ऊपर के चारों